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महाकालेश्वर की पहली सवारी:सवारी मार्ग पर पहली बार सौ-सौ मीटर पर एग्जिट बनाए, पालकी आगे बढ़ते खोले तो तेजी से छंटी भीड़
भगवान महाकालेश्वर की पहली सवारी में पिछले साल की खामियों को ध्यान में रखते हुए इस बार सवारी मार्ग पर सौ-सौ मीटर दूर एग्जिट प्लान का प्रयोग सफल रहा। पालकी आगे बढ़ते ही पुलिस ने एग्जिट खोल दिए, जिसके चलते बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व अपने गंतव्य को जाने वाले श्रद्धालु आसानी से निकल गए। इसका फायदा ये रहा कि सवारी मार्ग पर तत्काल भीड़ छंट गई, जिससे जाम व आपाधापी नहीं मची।
पहली बार एग्जिट पाइंट पर अधिकारी एनाउंसमेंट सिस्टम के साथ थे व ये कहते रहे कि जिन्हें भी जाना है वे जल्दी से निकल जाए, जिससे की एग्जिट गेट वापस बंद किए जा सके। पुलिस का एग्जिट प्लान तो सुविधाजनक रहा पर तीन कमियां अभी बनी हुई है, जिसमें सुलभ दर्शन में चौराहों व गलियों में लगे ऊंचे बैरिकेड्स बाधक बने तथा दूसरा पिछली बार की तरह इस बार भी पूरे सवारी मार्ग के बैरिकेड्स तार की बजाय कपड़े से बंधे थे जो दुर्घटना का कारण बन सकते है। तीसरा बाहरी सुरक्षा कमजोर दिखी।
कपड़े से बंधे बैरिकेड्स। सवारी मार्ग के बाहर सुरक्षा का अभाव दिखा जबकि यहां पेट्रोलिंग की टीमें बनाई थी जो दिखाई नहीं दी। इसका उदाहरण महाकाल घाटी से लोहे के पुल जाने वाले मार्ग पर दिखा। यहां भीड़ में एक बदमाश महिला की चेन चुराने का प्रयास कर रहा था। मौके पर मौजूद फायटरकर्मियों ने उसे देखा तो बैरिकेड्स के अंदर पुलिसवालों को इशारा किया। करीब 20 से 25 मिनट बाद एक जवान बैरिकेड्स कूदकर इस तरफ आने लगा तो बदमाश तब तक भाग निकला। सोमवार को पहली सवारी में बाहर के श्रद्धालु अधिक थे।
ऊंचे बैरिकेड्स की वजह महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग पालकी के ठीक से दर्शन नहीं कर पाए। कई श्रद्धालु इस दौरान महाकाल घाटी पर खड़ी फायर ब्रिगेड की दमकल पर भी ही चढ़ गए कि किसी तरह भगवान की एक झलक पा सके। श्रद्धालुओं ने कहा कि बैरिकेड्स की ऊंचाई बहुत है ये कम होना चाहिए। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस कम से कम चौराहा व गलियों में पांच फीट ऊंचाई के बैरिकेड्स लगवा सकती है, उनके पास छोटे बैरिकेड्स भी है इससे सुलभ दर्शन में सुविधा होगी।
एक्जिक गेट खोलते ही तेजी से बाहर निकलते श्रद्धालु। पहली बार ऐसा हुआ जब पालकी जैसे ही महाकाल घाटी से गुदरी की तरफ बढ़ी तो पुलिस ने गुदरी जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया व महाकाल घाटी, लोहे के पुल व बेगमबाग जाने वाले मार्ग के बैरिकेड्स खोल दिए। इससे दस मिनट में महाकाल मंदिर से लोहे के पुल तक कि भीड़ छंट गई। आईजी संतोष कुमार सिंह ने बताया समीक्षा कर सुझावों के आधार पर बेहतर इंतजाम करेंगे। आगे इससे बदलाव दिखेगा।